क्षितिज
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| हिन्दी | पृथ्वीतल के चारों ओर की वह कल्पित रेखा या स्थान जहाँ पर पृथ्वी और आकाश एक दूसरे से मिलते हुए से जान पड़ते हैं, पृथ्वी का पुत्र, भूमि का पुत्र मनुष्य, पृथ्वी से जन्मे वृक्ष इत्यादि। |
| -व्याकरण | पुल्लिंग |
| -उदाहरण | क्षितिज को आज तक किस ने पाया है किसी ने भी तो नही, न तुमने, न मैंने क्षितिज कभी नही मिल पाता है पर, हम अपने ह्रदय के प्रेम क्षितिज पर अवश्य मिल रहें है! यही अपना क्षितिज है, हाँ यही अपना क्षितिज है |
| -विशेष | |
| -विलोम | |
| -पर्यायवाची | |
| संस्कृत | क्षिति+ज |
| अन्य ग्रंथ | |
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