शाप

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
  • क्रोधपूर्वक किसी के अनिष्ट का उदघोष 'शाप' कहलाता है।
  • विशेषकर ऋषि, मुनि, तपस्वी आदि के अनिष्ट शब्दों को शाप कहते हैं।
  • किसी महान नैतिक अपराध के हो जाने पर शाप दिया जाता था।
  • इसके अनेक उदाहरण प्राचीन साहित्य में उपलब्ध हैं।
  • गौतम ने पतिव्रत भंग के कारण अपनी पत्नी अहल्या को शाप दिया था कि वह शिला हो जाये।
  • दुर्वासा ऋषि अपने क्रोधी स्वभाव के कारण शाप देने के लिए प्रसिद्ध थे।



पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ