ड्रेक रोगर
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- जून 1756 ई. में जब नवाब सिराजुद्दौला ने कलकत्ता पर हमला किया तो ईस्ट इंडिया कम्पनी के फ़ोर्ट विलियम का ड्रेक रोगर गवर्नर था।
- ड्रेक रोगर क़िले की रक्षा करने के बजाय स्त्री-बच्चों को लेकर नदी में खड़े एक जहाज़ पर सवार होकर भाग खड़ा हुआ।
- ड्रेक रोगर ने क़िले की रक्षा करने वाली सेना को उसके भाग्य पर ही छोड़ दिया और कलकत्ता से दक्षिण की ओर भाग गया।
- जनवरी 1757 ई. में जब वाटसन तथा क्लाइब ने पुन: कलकत्ता पर अधिकार कर लिया तो ड्रेक को फिर से गवर्नर बना दिया गया। इसके बाद ड्रेक के बारे में कोई उल्लेख नहीं मिलता।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ (पुस्तक 'भारतीय इतिहास कोश') पृष्ठ संख्या-185