प्रयाग तीर्थ मथुरा

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Ashwani Bhatia (वार्ता | योगदान) द्वारा परिवर्तित 11:17, 15 अप्रैल 2010 का अवतरण (1 अवतरण)
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें

प्रयाग तीर्थ / Prayag Tirth

प्रयागनामतीर्थं तु देवानामपि दुर्ल्लभम् ।
तस्मिन् स्नातो नरो देवि ! अग्निष्टोमफलं लभेत ।।
यहाँ तीर्थराज प्रयाग भगवद् आराधना करते हैं। यहीं पर प्रयाग के वेणीमाधव नित्य अवस्थित रहते हैं। यहाँ स्नान करने वाले अग्निष्टोम आदि का फल प्राप्त कर वैकुण्ठ धाम को प्राप्त होते हैं।

इतिहास

यहाँ बेनी माधव व रामेश्वर महादेव की मूर्तियाँ स्थापित हैं ।

वास्तु

यहाँ बिना छतरी के दो बुर्ज मात्र ही बचे हैं । इसे बनाने में लखोरी ईंट व चूने, लाल एवं बलुआ पत्थर का इस्तेमाल किया गया है ।

वीथिका

टीका-टिप्पणी

अन्य लिंक

साँचा:यमुना के घाट मथुरा