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{मुग़लकालीन शासकों में किस शासक के काल को चित्रकारी का स्वर्णकाल कहा जाता है?
जहाँगीर का जन्म 30 अगस्त, सन 1569 ई. को फ़तेहपुर सीकरी में हुआ था। अपने आरंभिक जीवन में वह शराबी और आवारा शाहजादे के रूप में बदनाम था। उसके पिता सम्राट अकबर ने उसकी बुरी आदतें छुड़ाने की बड़ी चेष्टा की, किंतु उसे सफलता नहीं मिली। इसीलिए समस्त सुखों के होते हुए भी वह अपने बिगड़े हुए बेटे के कारण जीवनपर्यंत दुखी रहा। अंतत: अकबर की मृत्यु के पश्चात जहाँगीर ही मुग़ल सम्राट बना।{{#icon: Redirect-01.gif|ध्यान दें}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-जहाँगीर
आत्माभिव्यक्ति मानव की प्राकृतिक प्रवृति है। अपने अंदर के भाव प्रकट किए बिना वह रह नहीं सकता। और, भावों का आधार होता है, मनुष्य का परिवेश। विद्वानों की मान्यता है कि आदिम काल में जब भाषा और लिपि-चिन्हों का आविर्भाव नहीं हुआ था, रेखाओं के संकेत से ही व्यक्ति स्वयं को अभिव्यक्त करता था। गुफाओं के अंदर आज जो शिलाचित्र मिलते हैं, वे ही चित्रकला के आदि प्रमाण हैं। तब का मानवजीवन पशुओं आदि के अधिक निकट था, जीवन के अन्य पक्ष अभी विकसित होने थे, इसलिए तत्कालीन भारतीय चित्रांकन भी इतने तक ही सीमित मिलता है। {{#icon: Redirect-01.gif|ध्यान दें}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-चित्रकला
हिमाचल प्रदेश पश्चिमी भारत में स्थित राज्य है। यह उत्तर में जम्मू और कश्मीर, पश्चिम तथा दक्षिण-पश्चिम में दक्षिण में हरियाणा एवं उत्तर प्रदेश, दक्षिण-पूर्व में उत्तराखंड तथा पूर्व में तिब्बत से घिरा है। 'हिमाचल' प्रदेश का शाब्दिक अर्थ बर्फ़ीले पहाड़ों का अंचल' है। हिमाचल प्रदेश को देव भूमि भी कहा जाता है। हिमाचल प्रदेश में आर्यों का प्रभाव ऋग्वेद से भी पुराना है।
{{#icon: Redirect-01.gif|ध्यान दें}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-हिमाचल प्रदेश
{उमा की तपस्या','शिव पार्वती', 'बसंत' 'प्रमाण' आदि किस प्रतिभाशाली चित्रकार की उत्कृष्ट कृतियाँ है?
राजा रवि वर्मा (जन्म- 1848; मृत्यु- 1906) केरल प्रदेश के विख्यात चित्रकार थे। उन्होंने भारतीय साहित्य और संस्कृति के पात्रों का चित्रण किया। उनके चित्रों की सबसे बड़ी विशेषता हिन्दू महाकाव्यों और धर्म ग्रंथों पर बनाए गए चित्र हैं। हिन्दू मिथकों का बहुत ही प्रभावशाली इस्तेमाल उनके चित्रों में दिखता हैं। इस संग्रहालय में उनके चित्रों का बहुत बड़ा संग्रह है।{{#icon: Redirect-01.gif|ध्यान दें}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-राजा रवि वर्मा
बिहार का उल्लेख वेदों, पुराणों और प्राचीन महाकाव्यों में मिलता है। यह राज्य महात्मा बुद्ध और 24 जैन तीर्थकरों की कर्मभूमि रहा हैं। ईसा पूर्व काल में इस क्षेत्र पर बिम्बिसार, पाटलिपुत्र की स्थापना करने वाले उदयन, चन्द्रगुप्त मौर्य और सम्राट अशोक सहित मौर्य, शुंग तथा कण्व राजवंश के नरेशों ने राज किया इसके पश्चात कुषाण शासकों का समय आया और बाद में गुप्त वंश के चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य ने बिहार पर राज किया।{{#icon: Redirect-01.gif|ध्यान दें}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-बिहार
{निम्नलिखित में से किसके शासनकाल में मुग़ल चित्रकला शिखर पर पहुँच चुकी थी?
जहाँगीर का जन्म 30 अगस्त, सन 1569 ई. को फ़तेहपुर सीकरी में हुआ था। अपने आरंभिक जीवन में वह शराबी और आवारा शाहजादे के रूप में बदनाम था। उसके पिता सम्राट अकबर ने उसकी बुरी आदतें छुड़ाने की बड़ी चेष्टा की, किंतु उसे सफलता नहीं मिली। इसीलिए समस्त सुखों के होते हुए भी वह अपने बिगड़े हुए बेटे के कारण जीवनपर्यंत दुखी रहा। अंतत: अकबर की मृत्यु के पश्चात जहाँगीर ही मुग़ल सम्राट बना।{{#icon: Redirect-01.gif|ध्यान दें}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-जहाँगीर
{किसने पेंटिंग की शुरुआत फ़िल्म के पोस्टरों से की?
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-सतीश गुजराल
-पाब्लो पिकाणे
+एम.एफ. हुसैन
-लियोनार्दो द विंची
{भारत की प्राचीन कला परम्पराओं को पुनर्जीवित करने के लिए इण्डियन सोसायटी ऑफ़ ओरियण्टल आर्ट की स्थापना की थी?
type="()"}
+अवनीन्द्र नाथ टैगोर ने
-नन्द लाल बोस ने
-असित कुमार हलधर ने
-अमृता शेरगिल ने
{मधुबनी लोक कला किस राज्य से सम्बन्धित है?
type="()"}
-उड़ीसा
-पश्चिम बंगाल
+बिहार
-राजस्थान
बिहार का उल्लेख वेदों, पुराणों और प्राचीन महाकाव्यों में मिलता है। यह राज्य महात्मा बुद्ध और 24 जैन तीर्थकरों की कर्मभूमि रहा हैं। ईसा पूर्व काल में इस क्षेत्र पर बिम्बिसार, पाटलिपुत्र की स्थापना करने वाले उदयन, चन्द्रगुप्त मौर्य और सम्राट अशोक सहित मौर्य, शुंग तथा कण्व राजवंश के नरेशों ने राज किया इसके पश्चात कुषाण शासकों का समय आया और बाद में गुप्त वंश के चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य ने बिहार पर राज किया।{{#icon: Redirect-01.gif|ध्यान दें}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-बिहार
{राजस्थानी विचार धारा की चित्रकला का आरम्भिक मुख्य केन्द्र था?
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-बीकानेर
-जयपुर
+बूँदी
-जैसलमेर
राजस्थान के दक्षिण-पूर्व में स्थित बूँदी एक पूर्व रियासत एवं ज़िला मुख्यालय है। इसकी स्थापना सन 1242 ई. में राव देवाजी ने की थी। बूँदी पहाड़ियों से घिरा सघन वनाच्छादित सुरम्य नगर है। यहाँ के शासक राव सुर्जन हाड़ा ने अकबर की अधीनता स्वीकार कर ली थी। शाहजहाँ के समय बूँदी के शासक छत्रसाल हाड़ा ने दारा की ओर से धरमत की लड़ाई में भाग लिया था, किंतु वह इस युद्ध में मारा गया। बूँदी अपनी विशिष्ट चित्रकला शैली के लिए विख्यात है, जो इस अंचल में मध्यकाल में विकसित हुई।{{#icon: Redirect-01.gif|ध्यान दें}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-जहाँगीर