प्रेमचंद के अनमोल वचन

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प्रेमचंद के अनमोल वचन
  • कुल की प्रतिष्ठा भी विनम्रता और सदव्यवहार से होती है, हेकड़ी और रुआब दिखाने से नहीं।
  • दुखियारों को हमदर्दी के आँसू भी कम प्यारे नहीं होते।
  • अनुराग, यौवन, रूप या धन से उत्पन्न नहीं होता। अनुराग, अनुराग से उत्पन्न होता है। [1]



टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. सूक्तियाँ (हिन्दी) (एच.टी.एम.एल) अभिव्यक्ति। अभिगमन तिथि: 14 अप्रॅल, 2011