प्रयोग:Asha1
क्रम | नाम | स्थान | प्रदेश |
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कमान | मुख्यालय |
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उत्तरी कमान | ऊधमपुर |
दक्षिणी कमानA | पुणे |
पूर्वी कमान | कोलकाता |
पश्चिमी कमान | चांदीमंदिर |
मध्य कमान | लखनऊ |
दक्षिण-पश्चिम कमान | जयपुर |
सेना प्रशिक्षण कमान | शिमला |
कमान | मुख्यालय |
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दक्षिणी कमान | तिरुअनंतपुरम, केरल |
पश्चिमी कमान | सुब्रतो पार्क, नयी दिल्ली |
पूर्वी कमान | शिलांग, मेघालय |
दक्षिण-पश्चिम कमान | गांधीनगर, गुजरात |
मध्य कमान | इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश |
मेंटेनेंस कमान | नागपुर, महाराष्ट्र |
प्रशिक्षण कमान | बंगलुरु, कर्नाटक |
नाम | अवधि |
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जनरल सर राय बूचर | 1 जनवरी 1948 से 14 जनवरी 1949 |
जनरल (अब फील्ड मार्शल) के. एम. करिअप्पा | 15 जनवरी 1949 से 14 जनवरी 1953 |
जनरल महाराज राजेन्द्र सिंहजी | 15 जनवरी 153 से 31 मार्च 1955 |
क्रम | नाम | प्रकाशन | सन |
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1- | बूढ़े बच्चे | प्रौढ़ शिक्षा निदेशालय, भारत सरकार | 1979 |
2- | सो तो है | प्रलेक प्रकाशन, नई दिल्ली, | 1983 |
3- | भोले भाले | हिन्दी साहित्य निकेतन | 1984 |
4- | तमाशा , | हिन्दी साहित्य निकेतन | 1986 |
5- | चुटपुटकुले | डायमण्ड पब्लिकेशंस, नई दिल्ली | 1988 |
6- | हंसो और मर जाओ | हिन्दी साहित्य निकेतन | 1990 |
7- | देश धन्या पंच कन्या | प्राची प्रकाशन, नई दिल्ली | 1997 |
8- | ए जी सुनिए | डायमण्ड पब्लिकेशंस, नई दिल्ली | 1997 |
9- | इसलिए बौड़म जी इसलिए | डायमण्ड पब्लिकेशंस, नई दिल्ली | 1997 |
10- | खिड़कियां | डायमण्ड पब्लिकेशंस, नई दिल्ली | 2001 |
11- | बोल-गप्पे | डायमण्ड पब्लिकेशंस, नई दिल्ली | 2001 |
12- | जाने क्या टपके | डायमण्ड पब्लिकेशंस, नई दिल्ली, | 2001 |
13- | चुनी चुनाई | प्रतिभा प्रतिष्ठान, नई दिल्ली | 2002 |
14- | सोची समझी | प्रतिभा प्रतिष्ठान, नई दिल्ली | 2002 |
15- | जो करे सो जोकर | डायमण्ड पब्लिकेशंस, नई दिल्ली | 2007 |
16- | मसलाराम | पेंगुइन प्रकाशन |
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गाना / Title: आ चल के तुझे मैं ले के चलूं - aa chal ke tujhe mai.n le ke
chaluu.n
चित्रपट / Film: Door Gagan Ki Chhaaon Mein
संगीतकार / Music Director: किशोर कुमार-(Kishore Kumar)
गीतकार / Lyricist: किशोर कुमार-(Kishore Kumar)
गायक / Singer(s): किशोर कुमार-(Kishore Kumar)
Raw Data: http://lyricsindia.net/isb/ASCII/13.isb आ चल के तुझे, मैं ले के चलूं इक ऐसे गगन के तले जहाँ ग़म भी न हो, आँसू भी न हो बस प्यार ही प्यार पले इक ऐसे गगन के तले
सूरज की पहली किरण से, आशा का सवेरा जागे (२) चंदा की किरण से धुल कर, घनघोर अंधेरा भागे (२) कभी धूप खिले कभी छाँव मिले लम्बी सी डगर न खले जहाँ ग़म भी नो हो, आँसू भी न हो ...
जहाँ दूर नज़र दौड़ आए, आज़ाद गगन लहराए जहाँ रंग बिरंगे पंछी, आशा का संदेसा लाएं (२) सपनो मे पली हँसती हो कली जहाँ शाम सुहानी ढले जहाँ ग़म भी न हो, आँसू भी न हो ... आ चल के तुझे मैं ले के चलूं ...
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गाना / Title: कोई लौटा दे मेरे - koii lauTaa de mere
चित्रपट / Film: Door Gagan Ki Chhaaon Mein
संगीतकार / Music Director: किशोर कुमार-(Kishore Kumar)
गीतकार / Lyricist: Shailendra
गायक / Singer(s): किशोर कुमार-(Kishore Kumar)
Raw Data: http://lyricsindia.net/isb/ASCII/1016.isb अल्बेले दिन प्यारे, मेरे बिछड़े साथी सारे हाय! कहाँ गये, हाय! कहाँ गये
कोई लौटा दे मेरे, बीते हुए दिन \- (२) बीते हुए दिन वो हाय, प्यारे पल छिन कोई लौटा दे ...
मैं अकेला तो ना था, थे मेरे साथी कई एक आँधी सी उठी, जो भी था लेके गई आज मैं ढूँढूं कहाँ, खो गये जाने किधर \- २ बीते हुए दिन वो हाय, प्यारे पल छिन कोई लौटा दे ...
मेरे ख्वाबों के नगर, मेरे सपनों के शहर पी लिया जिनके लिये, मैंने जीवन का ज़हर ऐसे भी दिन थे कभी, मेरी दुनिया थी मेरी \- २ बीते हुए दिन वो हाय, प्यारे पल छिन कोई लौटा दे ... - ---------- अजनबी तुम जाने पेह्चाने से..... अजनबी तुम जाने पेह्चाने से लगते हो -२ ये बडी अजीब सी बात है ये नयी नयी मुलाक़ात है फिर भी जाने क्यों अजनबी तुम जाने पेहचाने से लगते हो
तुमने कभी प्यार किया था किसी राही से -२ तुमने कभी वादा किया था किसी साथी से न वो प्यार रहा, न वो बात रही फिर भी जाने क्यों अजनबी तुम जाने पेहचाने से लगते हो अजनबी
दिल में रहें और हमारा दिल तोड दिया -२ साथ चले, मोड पे आके हमें छोड दिया तुम हो कहीं, और हम कहीं फिर भी जाने क्यों अजनबी तुम जाने पेहचाने से लगते हो ये बदि अजीब सी बात है ये नयी नयी मुलाक़ात है फिर भी जाने क्यों अजनबी तुम जाने पेहचाने से लगते हो अजनबी..
फ़िल्म : हम सब ऊस्ताद है गायक : किशोर कुमार \ http://poetryinsongs.blogspot.com/2008/07/blog-post_25.html अजनबी तुम जाने पहचाने से..... अजनबी तुम जाने पहचाने से लगते हो -२ ये बडी अजीब सी बात है ये नयी नयी मुलाक़ात है फिर भी जाने क्यों अजनबी तुम जाने पेहचाने से लगते हो
तुमने कभी प्यार किया था किसी राही से -२ तुमने कभी वादा किया था किसी साथी से न वो प्यार रहा, न वो बात रही फिर भी जाने क्यों अजनबी तुम जाने पेहचाने से लगते हो अजनबी
दिल में रहें और हमारा दिल तोड दिया -२ साथ चले, मोड पे आके हमें छोड दिया तुम हो कहीं, और हम कहीं फिर भी जाने क्यों अजनबी तुम जाने पेहचाने से लगते हो ये बदि अजीब सी बात है ये नयी नयी मुलाक़ात है फिर भी जाने क्यों अजनबी तुम जाने पेहचाने से लगते हो अजनबी..
फ़िल्म : हम सब ऊस्ताद है गायक : किशोर कुमार Posted by SP Gadiyaar at 10:26 PM Labels: "kishore kumar", ajanabi, ustad -------
हा......हूँ....
तुम बिन जाऊं कहां ...
तुम बिन जाऊं कहां,
कि दुनिया में आ के कुछ न फिर
चाहा कभी तुमको चाह के
तुम बिन जाऊं कहां
कि दुनिया में आ के कुछ न फिर
चाहा कभी तुमको चाह के
तुम बिन
हा...............
रह भी सकोगे तुम कैसे, हो के मुझसे जुदा
हट जायेगीं दीवारें सुन के मेरी सदा
आना होगा तुम्हे मेरे लिये
साथी मेरी सूनी राह के
तुम बिन जाऊं कहां
कि दुनिया में आ के कुछ न फिर
चाहा कभी तुमको चाह के
तुम बिन
कितनी अकेली सी पहले थी यही दुनिया
तुमने नज़र जो मिलायी बस गयी दुनिया
दिल को मिली जो तुम्हारी लगन
दिये जल गये मेरी आह से
तुम बिन जाऊं कहां..
तुम बिन जाऊं कहां
कि दुनिया में आ के कुछ न फिर
चाहा कभी तुमको चाह के
तुम बिन
फ़िल्म : प्यार का मौसम गायक : किशोर कुमार
फ़ूलों के रंगसे ..... फ़ूलों के रंगसे, दिल की कलम से, तुज़ को लिखी रोज पाती कैसे बताऊ किस किस तरह से, पल पल मुझे तू सताती
तेरे ही सपने लेकर के सोया, तेरे ही यादों में जागा तेरे खयालों में उलझा रहा यूं जैसे के माला में धागा
बादल बिजली चंदन पानी, जैसा अपना प्यार लेना होगा जनम हमें कई कई बार इतना मदीर, इतना मधूर तेरा मेरा प्यार लेना होगा जनम हुमें कई कई बार
सांसो की सरगम धडकन की बीना, सपनों की गीतांजली तू मन की गली में महके जो हरदम ऐसी जूही की कली तू छोटा सफ़र हो, लंबा सफ़र हो, सुनी डगर हो या मेला याद तू आये, मन हो जाये, भीड के बीच अकेला बादल बिजली चंदन पानी, जैसा अपना प्यार.. ..
पूरब हो पश्चिम उत्तर हो दक्शिन तू हर जगह मुस्कुराये जितना ही जाऊ मैं दूर तुझ से, उतनी ही तू पास आये आंधी ने रोका, पानी ने टोका, दुनियां ने हसकर पुकारा तसवीर तेरी लेकिन लिये मैं, कर आया सब से किनारा बादल बिजली चंदन पानी, जैसा अपना प्यार.. ..
शब्द: नीरज संगीत : सचिन देव बर्मन फ़िल्म : प्रेम पूजारी
गाना / पल पल दिल के पास, तुम रहती हो चित्रपट / ब्लैक मेल
संगीतकार / कल्याणजी - आनंदजी
गीतकार / राजेन्द्र कृष्ण
गायक / किशोर कुमार अभिनेता / धर्मेन्द्र अभिनेत्री / राखी गुलज़ार
पल पल दिल के पास, तुम रहती हो पल पल दिल के पास, तुम रहती हो जीवन मीठी प्यास, ये कहती हो पल पल दिल के पास, तुम रहती हो
हर शाम आँखों पर, तेरा आँचल लहराए हर रात यादों की, बारात ले आए मैं सांस लेता हूँ, तेरी खुशबू आती है एक महका महका सा, पैगाम लाती है मेरे दिल की धड़कन भी, तेरे गीत गाती है पल पल दिल के पास, तुम रहती हो
कल तुझको देखा था, मैने अपने आंगन में जैसे कह रहीं थी तुम, मुझे बाँध लो बन्धन में ये कैसा रिश्ता है, ये कैसे सपने हैं बेगाने हो कर भी, क्यूँ लगते अपने हैं मैं सोच में रहता हूँ, डर डर के कहता हूँ पल पल दिल के पास, तुम रहती हो
तुम सोचोगी क्यूँ इतना, मैं तुमसे प्यार करूं तुम समझोगी दीवाना, मैं भी इक़रार करूं दीवानों की ये बातें, दीवाने जानते हैं जलने में क्या मज़ा है, परवाने जानते हैं तुम यूँ ही जलाते रहना, आ आ कर ख़्वाबों में पल पल दिल के पास, तुम रहती हो जीवन मीठी प्यास, ये कहती हो पल पल दिल के पास, तुम रहती हो
गाना / Title: तुम आ गये हो, नूर आ गया है - tum aa gaye ho, nuur aa
gayaa hai
चित्रपट / Film: Aandhi
संगीतकार / Music Director: राहुलदेव बर्मन-(R D Burman)
गीतकार / Lyricist: गुलजार-(Gulzar)
गायक / Singer(s): किशोर कुमार-(Kishore Kumar) , लता मंगेशकर-
(Lata Mangeshkar)
किशोर: तुम आ गए हो नूर आ गया है
तुम आ गए हो नूर आ गया है
नहीं तो चराग़ों से लौ जा रही थी
लता: जीने की तुमसे वजह मिल गई है
बड़ी बेवजह ज़िंदगी जा रही थी
किशोर: तुम आ गए हो नूर आ गया है
किशोर: कहाँ से चले कहाँ के लिये
ये ख़बर नहीं थी मगर
कोई भी सिरा जहाँ जा मिला
वहीं तुम मिलोगे
हो..कहाँ से चले कहाँ के लिये
ये ख़बर नहीं थी मगर
कोई भी सिरा जहाँ जा मिला
वहीं तुम मिलोगे
के हम तक तुम्हारी दुआ आ रही थी
तुम आ गये हो नूर आ गया है
लता: नहीं तो चराग़ों से लौ जा रही थी
तुम आ गए हो नूर आ गया है
लता: दिन डूबा नहीं रात डूबी नहीं
जाने कैसा है सफ़र
ख़्वाबों के दिये आँखों में लिये
वहीं आ रहे थे
हो..दिन डूबा नहीं रात डूबी नहीं
जाने कैसा है सफ़र
ख़्वाबों के दिये आँखों में लिये
वहीं आ रहे थे
जहाँ से तुम्हारी सदा आ रही थी
तुम आ गये हो नूर आ गया है
नहीं तो चराग़ों से लौ जा रही थी
किशोर: जीने की तुमसे वजह मिल गई है
बड़ी बेवजह ज़िंदगी जा रही थी
तुम आ गए हो
लता: नूर आ गया है
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