ओखली

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
गोविन्द राम (वार्ता | योगदान) द्वारा परिवर्तित 14:50, 10 मई 2011 का अवतरण (Adding category Category:संस्कृति कोश (को हटा दिया गया हैं।))
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
ओखली
  • ओखली धान आदि कूटने के लिए काठ या पत्थर का एक गहरा पात्र होता है।
  • ओखली में धान आदि कूटने के लिए मूसल का प्रयोग होता है।
  • ओखली हर परिवार, हर घर के आँगन में होती थी अब तो कुछ ही घर होंगे जिनके आँगन इससे सजे होंगे ओखली का हमारे जीवन में आदि काल से बहुत ही महत्त्व रहा है।
  • जब चक्की नहीं हुआ करती थी तो धान, मंडुआ, मसाले कुछ भी जैसे पाउडर बनाना या छिलका निकलना आदि काम इसी के द्वारा संपन होते थे।
ओखली के ऊपर कुछ कहावतें भी मशहूर है जैसे-
  • ओखली में सिर दिया तो मूसलों से क्या डरना
  • ओखली में सिर दिया तो मूसलों को क्या गिनना
  • ओखली में सिर देना...

बाहरी कड़ियाँ



पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ