इंदुलाल याज्ञिक
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गुजरात के सार्वजनिक कार्यकर्ता इंदुलाल याज्ञिक का (जन्म- 22 फरवरी, 1892 ई. नदियाद, मृत्यु- 1972), में हुआ था।
शिक्षा
इंदुलाल याज्ञिक ने मुम्बई से कानून की डिग्री ली, लेकिन इंदुलाल याज्ञिक का मन वकालत में नहीं लगा।
पत्रिका
इंदुलाल याज्ञिक के ऊपर अरविन्द और एनी बीसेंट के विचारों का अधिक प्रभाव पड़ा। वे पत्रकारिता के क्षेत्र में आए। उन्होंने गुजराती पत्रिका ‘नवजीवन अणे सत्य’ का और शंकरलाल बैंकर के साथ ‘यंग इंडिया’ का प्रकाशन आरंभ किया। बाद में ये दोनों पत्र गांधीजी को सौंप दिए गए थे।
राजनीति
इंदुलाल ने होमरूल लीग आंदोलन में भाग लिया और ‘गुजरात राजकीय परिषद’ की स्थपना की। किशोरी लाल मशरूवाला के साथ स्वदेशी का प्रचार किया और गुजरात विद्यापीठ की स्थापना की योजना बनाई। वे गुजरात की सत्याग्रह कमेटी के सचिव थे और 1923 में गिरफ्तार करके यरवदा जेल में महात्मा गाँधी के साथ बंद किए गए थे। जेल से छूटने के बाद उनके विचारों में परिवर्तन हुआ और वे किसान सभा में सम्मिलित हो गए। द्वितीय विश्वयुद्ध के समय युद्ध विरोधी प्रचार करते हुए वे फिर गिरफ्तार हुए। 1956 में अलग गुजरात की मांग करते हुए वे लोक सभा के सदस्य चुने गए। याज्ञिक स्वतंत्र विचारों के व्यक्ति थे और गांधीजी तथा सरदार पटेल से अपना विचार भेद सार्वजनिक रूप से प्रकट करने में उन्हें संकोच नहीं था।
निधन
इंदुलाल याज्ञिक का निधन 1972 हुआ था।[1]
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