हम्पी का नाम पम्पपति के कारण ही हुआ है। स्थानीय लोग 'प' का उच्चारण 'ह' करते हैं और पम्पापति को हम्पापति (हंपपथी) कहते हैं। हम्पी हम्पपति का ही लघुरूप है।
कृष्णदेव राय के शासनकाल में बनाया गया प्रसिद्ध हजाराराम मन्दिर विद्यमान हिन्दू मन्दिरों की वास्तुकला के पूर्णतम नमूनों में से एक है।
फ़र्ग्यूसन के विचार में यह फूलों से अलंकृत वैभव की पराकाष्ठा का द्योतक है, जहाँ तक यह शैली (वल्लरी शैली) विकसित हो चुकी थी।