ऐरावतवर्ष
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- 'उत्तरेण तु श्रृंगस्य समुद्रान्ते जनाधिप, वर्षमैरावतं नाम तस्माच्छंगमत: परम्, न तत्र सूर्यस्तपति न जीर्यन्ते च मानवा:'[1]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ भीष्म पर्व महाभारत 8, 10-11