मादक पदार्थ रोकथाम सहायता योजना

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  • डोपिंग खिलाड़ियों द्वारा जानबूझकर या अनजाने में ऐसे पदार्थ या तौर-तरीकों के इस्तेमाल को कहते हैं जिन पर अंतर्राष्ट्रीय ओलिम्पिक समिति के चिकित्सा आयोग या विश्व एंटी-डोपिंग एजेंसी (वाडा) ने प्रतिबंध लगा रखा है।
  • बहुत से खिलाड़ी सोने की चमक और दुनिया में नाम होने के प्रलोभन में फंसकर दूसरे खिलाड़ियों को पछाड़ने के लिए मादक पदार्थों का सहारा लेते हैं।
  • भारत भी इस बुराई से अछूता नहीं है। इस समस्या से फौरन निपटने के लिए भारत सरकार डोपिंग रोकने के लिए विश्व के देशों के प्रयासों में हाथ बंटा रही है।
  • भारत वर्ल्ड एंटी डोपिंग एजेंसी के संस्थापक बोर्ड के सदस्यों में से एक है। इसकी स्थापना अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति की पहल पर की गयी है।

राष्ट्रीय एंटी-डोपिंग एजेंसी (एनएडीए)

देश मे खेल-कूद के क्षेत्र में डोपिंग की रोकथाम की निगरानी, समन्वय और इसको बढ़ावा देने के लिए उत्तरदायी राष्ट्रीय संगठन है। नाडा के मादक पदार्थों के इस्तेमाल पर रोक लगाने संबंधी नियम वाडा के एंटी डोपिंग कोड के अनुसार हैं।

राष्ट्रीय डोप परीक्षण प्रयोगशाला (एनडीटीएल)

वाडा और वाडा से मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं के घनिष्ट संपर्क से डोप नमूनों के परीक्षण और इस बारे में उच्च स्तरीय अनुसंधान के लिए उत्तरदायी है। अक्टूबर, 2006 से परिवीक्षा में रहने के बाद इस प्रयोगशाला को सिंतबर, 2008 में वाडा से मान्यता मिली। इस तरह अब यह प्रयोगशाला वाडा से मान्यता प्राप्त एशिया क्षेत्र की छठी और दुनिया की 35वीं प्रयोगशाला बन गयी है।


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