उपजला

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
ऋचा (वार्ता | योगदान) द्वारा परिवर्तित 06:53, 29 जून 2011 का अवतरण ('{{पुनरीक्षण}} <poem>'जलांचोपजलां चैव, यमुनामभितो नदीम, उश...' के साथ नया पन्ना बनाया)
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
इस लेख का पुनरीक्षण एवं सम्पादन होना आवश्यक है। आप इसमें सहायता कर सकते हैं। "सुझाव"

'जलांचोपजलां चैव, यमुनामभितो नदीम,
उशीनरो वै यत्रेष्ट्वा वासवादत्यरिच्यत'।[1]

इस उद्वरण में जला तथा उपजला नदियों को यमुना के दोनों ओर स्थित बताया गया है। इन नदियों के प्रदेश में राजा उशीनर के राज्य का उल्लेख है। उशीनर कनखल या हरिद्वार के परिवर्ती प्रदेश का नाम था। इन नदियों की स्थिति इस प्रकार सहारनपुर या देहरादून ज़िले में यमुना के निकट कहीं रही होगी।



टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख