कणसव

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कणसव से 738 ई. का एक महत्वपूर्ण अभिलेख प्राप्त हुआ था जिसका संबंध मौर्यवंशीय राजा धवल से है।[1] अन्य मत में यह राजा धवलप्यदेव ही है जिसका उल्लेख दबोक (मेवाड़) के अभिलेख[2] में हुआ है। कणसव अभिलेख से सिद्ध होता है कि मगध के प्रसिद्ध मौर्यवंश के कुछ छोटे-मोटे राजा, मौर्यवंश के पतन के पश्चात भी पश्चिमी भारत में कई स्थानों पर राज्य करते रहे थे।


टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. (इंडियन एंटिक्वेरी, 13,163; बंबई गजेटियर, भाग 2, पृ. 284)
  2. (लगभग 725 ई.)

बाहरी कड़ियाँ

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