रोडियम

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रोडियम

रोडियम का संकेत Rh, परमाणु भार 102.9, परमाणु संख्या 45 है। बुलैस्टन ने 1804 ई. में पहले पहल इसका पता लगाया था। यह सदा प्लैटिनम खनिजों के साथ पाया जाता है, पर उनमें इसकी मात्रा कम होती है।

प्लैटिनम खनिजों को ऐक्वा रेजिया के साथ उपचारित करने से ऑस्मियम, इरीडियम और रूथेनियम अविलेय रह जाते हैं, पर अधिकांश रोडियम प्लैटिनम के साथ निकल जाता है। अमोनियम क्लोराइड के साथ क्रिया से प्लैटिनम अवक्षिप्त हो जाता है। अवशेष द्रव में रद्दी लोहे को डालने से अन्य धातुएँ निक्षिप्त होती है। निक्षेप का फिर पोटैशियम बाइसल्फेट के साथ उपचार कर, जल के निष्कर्षण से तथा पुन: क्रिस्टलन से रोडियम का शुद्ध लवण प्राप्त होता है।

स्थूल रूप में रोडियम अल्प नीला-श्वेत रंग का होता है। इसका घनत्व प्राय: 12.1 है। 1840° सें. पर यह पिघलता है और इससे कुछ ऊँचे ताप पर वाष्पीभूत होता है। वायु में गरम करने से इसका बाह्य तल ऑक्सीकृत हो, नीले ऑक्साइड का आवरण बनाता है। यह अम्लों अथवा ऐक्वा रेजिया में अविलेय होता है, पर सांद्र सल्फ्यूरिक अम्ल से आक्रांत होता है। अन्य धातुओं, विशेषत: सीस, के साथ जो मिश्रधातु बनती है वह प्रबल अम्लो में विलेय होती है।

रोडियम के चार ऑक्साइड ज्ञात है। इनमें एक काला चूर्ण है, जो रोडियम हाइड्राक्साइड को गरम करने से प्राप्त होता है और कुछ महत्व का है। इसके तीन क्लोराइड प्राप्त हुए हैं। क्षारीय क्लोराइडों के साथ इसके क्लोराइड युग्म लवण बनाते हैं। हाइड्रॉक्साइड पर तनु सल्फ्यूरिक अम्ल के प्रभाव से रोडियम सल्फेट बनता है, जो युग्म लवण बनाता है। अमोनिया के साथ रोडियम अनेक यौगिक, जैसे रोज़ियो, परपुरियो और लूटियो बनाता है, जो तदनुकूल कोबाल्ट के लवणों से समानता रखते हैं।

रोडियम के लवण अल्प मात्रा में द्रव स्वर्ण के निर्माण में प्रयुक्त होते हैं। चूड़ियों के निर्माण में द्रव-स्वर्ण उपयोग में आता है। प्लैटिनम के साथ रोडियम-प्लैटिनम मिश्रधातु बनता है, जिसका उपयोग उच्च ताप मापने के लिए थर्मोकपुल के निर्माण में होता है।


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