गाडविन आस्टिन (के 2)

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गाडविन आस्टिन (Godwin Austin) (माउंट के-2 / K-2) पर्वत, हिमालय का नहीं, बल्कि पीओके में कश्मीर के कराकोरम (Karakoram) पर्वतमाला श्रेणी की सबसे ऊँची चोटी है, जो उत्तरी कश्मीर में 35 53 उ. अ. और 76 31 पू. दे. पर है। यह संसार में ऐवरेस्ट के बाद दूसरी सबसे ऊँची चोटी है, जो 28,250 फुट / 8611 मीटर ऊँची है। यह चोटी प्राय: हिमाच्छादित तथा बादलों में छिपी रहती है। इसके पार्श्व में 30 और 40 मील लंबी हिमसरिताएँ हैं। इसके नाम की हिमसरिता तो इसके आधार पर ही है। हिमालय प्रदेश में 16,000 फुट से अधिक ऊँचाई पर हमेशा बर्फ जमी रहती है। इसलिए इस पर्वतमाला को हिमालय कहना सर्वथा उपयुक्त है।

इसका नामकरण हेनरी हैवरशम गाडविन आस्टिन (1834-1923 ई.) के नाम पर हुआ है जिसने 19वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में इसका सर्वेक्षण किया था। उसने इस समय इसका नाम के टू (K2) रखा था। इसको स्थानीय लोग दाप्सांग कहते है।

इस चोटी पर कई पर्वतारोहण अभियान हुए हैं जिनमें 1909, 1938 और 1939 ई. के अभियान उल्लेखनीय हैं जो क्रमश: एबूजी के ड्यूक, डा. चार्ल्स हाउस्टन तथा फ्रटज़ विसनर के नेतृत्व में हुए थे। अंतिम अभियान में 27,500 तक की ही ऊँचाई चढ़ी गई थी लेकिन 1954 ई. की जुलाई में मिलन विश्वविद्यालय के भूगर्भशास्त्र के प्रोफेसर 'आर्दितो देसिओ' के नेतृत्व में सर्वप्रथम इतालवी अभियानदल इसकी चोटी पर पहुँचने में सफल हुआ था।


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