छान्दोग्य उपनिषद अध्याय-2 खण्ड-9
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- छान्दोग्य उपनिषद के अध्याय दूसरा का यह नौवाँ खण्ड है।
मुख्य लेख : छान्दोग्य उपनिषद
- 'आदित्य' सदा ही सम रहता है।
- वह साम है।
- वह सभी के प्रति समभाव वाला है।
- उदयमान सूर्य 'प्रस्ताव' है।
- सभी मनुष्य और पशु-पक्षी उसके अनुगामी हैं।
- मध्याह्न में आदित्य 'उद्गीथ' है।
- समस्त देवगण उसके इसी रूप के अनुगामी हैं।
- उपराह्न में आदित्य 'प्रतिहार' है।
- अस्त होते सूर्य का रूप ही 'निधन' हैं आदित्य-रूप साम की इसी प्रकार उपासना करनी चाहिए।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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