छान्दोग्य उपनिषद अध्याय-2 खण्ड-11

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
रेणु (वार्ता | योगदान) द्वारा परिवर्तित 12:14, 5 सितम्बर 2011 का अवतरण ('*छान्दोग्य उपनिषद के [[छान्दोग्य उपनिषद अध्याय-2|अध...' के साथ नया पन्ना बनाया)
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
  • इस खण्ड में 'गायत्र' सम्बन्धी विशिष्ट उपासना का वर्णन है।
  • जो साधक गायत्र-साम को प्राणों में अधिष्ठित हुआ जानता है, वह प्राणवान होता है और पूर्ण आयु को भोगता है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ


बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख