छान्दोग्य उपनिषद अध्याय-2 खण्ड-14

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  • यहाँ पुन: उदीयमान सूर्य, उदित हुआ सूर्य तथा अस्त होने वाले सूर्य की साम उपासना का वर्णन है।
  • जो ऐसा जानकर उपासना करता है, वह प्रखर सूर्य की तेजस्विता को प्राप्त करता है।


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