अकतेश्वर
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- नर्मदा के उत्तर तट पर अवस्थित है।
- कहा जाता है कि यह वही स्थान है जहां दक्षिण दिशा की ओर जाते हुए महर्षि अगस्त्य ने, विंध्याचल को बढ़ने से रोक दिया था।
- महाभारत वन पर्व[1] तथा अनेक पुराणों में इस कथा का उल्लेख है।
- महर्षि अगस्त्य के नाम से एक प्राचीन शिवमंदिर भी यहां स्थित है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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