विमलदास

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आचार्य विमलदास

  • इनकी 'सप्तभंगीतरंगिणी' नाम की तर्क कृति है, जिसमें सप्तभंगों का अच्छा विवेचन किया गया है।
  • यह दर्शन और न्याय दोनों की प्रतिपादिका है।
  • इनका समय वि. की 18वीं शती है।