कोवलम
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केरल के तिरूवनंतपुरम ज़िले में स्थित कोवलम अपने खूबसूरत बीच और ताड़ के पेड़ों के लिए प्रसिद्ध है। कोवलम के बीच विश्व के सबसे दर्शनीय बीचों में गिना जाता हैं। सुनहरी रेत को चूमती नीली सागर की लहरें देखने के लिए दूर-दूर से पर्यटक खीचें चले आते हैं। यहाँ की खूबसूरत प्राकृतिक दृश्यावली और वाटर स्पोट्र्स की गतिविधियाँ भी बड़ी संख्या में सैलानियों को लुभाती हैं।
ब्रिटिश मिशनरी जार्ज अल्फ्रेड बेकर ने कोवलम के विकास में अहम भूमिका निभाई। वह कोवलम की सुंदरता से इतना प्रभावित थे कि वह यहीं के होकर रह गए। उनके पिता हेनरी बेकर और माँ ऐमीलिया ने ही सर्वप्रथम केरल में शिक्षा की ज्योति को जलाया था और आज केरल शिक्षा के मामले में सबसे अग्रणी राज्य है।
दर्शनीय स्थल
- पदमानभस्वामी महल
कोवलम का यह महल वेली पहाड़ियों के समीप स्थित हैं। वेली पहाड़ियों के तल पर बना यह महल कलाकारी का अदभूत उदाहरण है। त्रावनकोर के शासकों का यह निवास स्थल लकड़ी की कारीगरी का उत्तम नमूना है। इस महल की दीवार पर 17वीं और18वीं शताब्दी के चित्रकारी का सुंदर उदाहरण प्रस्तुत किया गया है।
- शंकुमुघम बीच
शंकुमुघम बीच पर पर्यटक सांझ की सुंदरता देखने आते है। यहाँ का मनमोहक सूर्यास्त और सूर्योदय दिल को छु लेने वाला होता है। इस स्थान की सुनहरी रेत और किरणों की लालिमा की सुंदरता का वर्णन नहीं किया जा सकता।
- विहिन्जम लाइटहाउस
कोवलम में अरब सागर के तट पर यह लाइटहाउस है। जिस बीच पर यह लाइटहाउस बना है उसे लाइटहाउस बीच कहा जाता है। लाइटहाउस पर चढ़कर कोवलम के खूबसूरत गाँवों को देखा जा सकता है।
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- वरकल बीच
त्रिवेन्द्रम से 55 किलोमीटर दूर यह स्थान केरल का महत्वपूर्ण बीच है। बीच के किनारे पंक्तिबद्ध दुकानों पर हैंडीक्राफ्ट, शंख व अन्य सामान मिलता है। वरकल की पहाड़ी चट्टानों से अरब सागर के लहरों का दृश्य बडा़ खूबसूरत लगता है।
- पदमानभस्वामी मंदिर
पदमानभस्वामी मंदिर भगवान विष्णु के 108 दिव्य स्थानों में एक है। भगवान विष्णु की मूर्ति यहाँ लेटी हुई मुद्रा में हैं। मंदिर की देखरेख शहर के राजघराने द्वारा की जाती है। कोवलम से 14 किलोमीटर दूर त्रिवेन्द्रम में स्थित यह सात मंजिला मंदिर शहर की ऐतिहासिक निशानी है। द्रविड भवन निर्माण कला का यह मंदिर उत्कृष्ट उदाहरण है।
- वेली लगून
यह वाटर पार्क पिकनिक मनाने के लिए लोकप्रिय है। यहाँ के बगीचे, उत्कृष्ट मूर्तिकला, पानी पर झूलते ब्रिज के अलावा एक्वा वाटर स्पोट्र्स पर्यटकों को यहाँ आने पर मजबूर कर देती है।
- श्री चित्र आर्ट गैलरी
यहाँ राजा रवि वर्मा और रोरिच की पेंटिंग्स का विशाल संग्रह है। इसके अतिरिक्त अजंता, मुगल पेटिंग के साथ साथ जापान, तिब्बत, बाली और चीन की चित्रकारी कला से भी आप यहाँ रुबरु हो सकते है।
- सरकारी कला संग्रहालय
इस संग्रहालय को नैपियर म्युजियम के नाम से भी जाना जाता है। मद्रास के भूतपूर्व गवर्नर जनरल जॉन नैपियर के नाम पर इसका नाम नैपियर म्युजियम पड़ा। वास्तुकला की दृष्टि से इस संग्रहालय को बहुमूल्य रत्न कहा जाता है। इस संग्रहालय में केरल की परंपरागत शैली, चाइनीज और मुगलों की कला का स्पष्ट प्रभाव देखा जा सकता है।
- पेपारा वन्य जीव अभ्यारण्य
पश्चिमी घाट पर स्थित पेपारा वन्य जीव अभ्यारण्य 53 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है। विशाल पहाड़ियों और युकेलिप्टस के पेड़ों से घिरे इस अभ्यारण्य में हाथी, सांभर, तेंदुआ, मकाक आदि जानवर पाए जाते है। तिरूवन्तपुरम से 50 किलोमीटर दूर तिरूवनन्तपुरम-पोन्मुड़ी रोड़ पर यह अभ्यारण्य है।
- कुथिरा मलिका (महल संग्रहालय)
कुथिरा मलिका महल को पूथेन मलिका नाम से भी जाना जाता है। यह महल त्रावनकोर के राजा स्वाथि थिरूनल के शासन काल में बना था। वह एक महान कवि और संगीतकार थे। महल में परंपरागत त्रावनकोर शैली में लकड़ी पर नक्काशी की गई है। इस महल में शाही परिवारों की चित्रकारी भी आपको देखने को मिल जाएगी।
कैसे पहुँचे
- वायुमार्ग
कोवलम से 14 किलोमीटर की दूरी पर त्रिवेन्द्रम एयरपोर्ट है जो भारत के प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है। यहाँ से बस या टैक्सी द्वारा कोवलम पहुँचा जा सकता है।
- रेलमार्ग
त्रिवेन्द्रम नजदीकी रेलवे स्टेशन है। देश के लगभग सभी राज्य से यह रेलमार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है।
- सड़क मार्ग
कोवलम के लिए केरल के विभिन्न जिलों से राज्य परिवहन की बसें नियमित रूप से चलती हैं।
क्या खरीदें
कोवलम से उपहार और स्मारिकाओं के तौर पर हैंडीक्राफ्ट का सामान खरीदा जा सकता है। कोवलम टीकवुड़ और रोजवुड़ की मूर्तियों के लिए प्रसिद्ध है। आप यहाँ के दुकान से हैंडीक्राफ्ट का सामान, दरी और मसालों की खरीददारी कर सकते है। यहाँ के दुकानों में आपको राजस्थानी, कश्मीरी और तिब्बती सामान भी मिल जाएगा।
कब जाएँ
कोवलम में सितंबर से मार्च के बीच में जाना चाहिए।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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