बृहस्पति -अर्थशास्त्र प्रवर्त्तक

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) द्वारा परिवर्तित 08:28, 14 अक्टूबर 2011 का अवतरण (श्रेणी:ऋषि मुनि (को हटा दिया गया हैं।))
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
बृहस्पति एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- बृहस्पति (बहुविकल्पी)
  • कौटिल्य ने अर्थशास्त्र में लोकायत दर्शन का सहज प्रतिपादन किया है। इस प्रकार अर्थशास्त्र के रचनाकार कौटिल्य एवं लोकायत दर्शन के प्रणेता बृहस्पति एक ही हैं ऐसा माना जा सकता है।


टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख