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नैनीताल

'नैनी' शब्द का अर्थ है आँखें और 'ताल' का अर्थ है झील। झीलों का शहर नैनीताल उत्तराखंड का प्रसिद्ध पर्यटक स्‍थल है। बर्फ से ढ़के पहाड़ों के बीच बसा यह स्‍थान झीलों के घिरा हुआ है। इनमें से सबसे प्रमुख झील नैनी झील है जिसके नाम पर इस जगह का नाम नैनीताल पड़ा। इसलिए इसे झीलों का शहर भी कहा जाता है। नैनीताल को जिधर से देखा जाए, यह बेहद खूबसूरत है। इसे भारत का ‘लेक डिस्ट्रिक्ट’ कहा जाता है, क्योंकि यह पूरी जगह झीलों से घिरी हुई है। इसकी भौगोलिक विशेषता निराली है। नैनीताल का सबसे कम तापमान 27.06 डिग्री से 8.06 डिग्री से॰ के बीच रहता है। नैनीताल का दृश्य नैनों को सुख देता है।

स्थिति

नैनीताल शहर, उत्तरी उत्तरांचल राज्य के उत्तर मध्य भारत में स्थिति हैं। नैनीताल शहर शिवालिक पर्वत श्रेणी में स्थित है। 1841 में सथापित यह नगर एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है, जो समुद्र तल से 1,934 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह नगर एक सुंदर झील के आसपास बसा हुआ है और इसके चारों ओर वनाच्छादित पहाड़ हैं।

  • इसके उत्तर में अल्मोड़ा हैं।
  • पूर्व में चम्पावत हैं।
  • दक्षिण में ऊधमसिंह नगर हैं।
  • पश्चिम में पौड़ी तथा उत्तर प्रदेश की सीमाएं मिलती है।
  • जनपद के उत्तरी भाग में हिमालय क्षेत्र तथा दक्षिण में मैदानी भाग है जहाँ सालों भर आनंददायक मौसम रहते हैं।

इतिहास

नैनीताल को पी.बेरून नामक व्‍यक्ति द्वारा वर्ष 1841 में स्थापित किया गया था। पी.बेरून पहले यूरोपीयन थे। अंग्रेजों का ग्रीष्‍मकालीन मुख्‍यालय था। 1847 में नैनीताल मशहूर हिल स्टेशन बना, अंग्रेज इसे समर कैपिटल भी कहते थे। तब से लेकर आज तक यह अपना आकर्षण बरकरार रखे हुए है। अंग्रेजों के जमाने में नैनीताल शिक्षा का भी बड़ा केंद्र बनकर उभरा। अपने बच्चों को बेहतर माहौल में पढ़ाने के लिए अंग्रेजों को यह जगह काफी पसंद आई थी। उन्होंने अपने मनोरंजन के लिए भी व्यापक इंतजाम किए थे।

पहाड़ियों से घिरी नैनी झील और इसके आस-पास की तमाम झीलें आकर्षण का केन्द्र बन गयी और प्रत्येक योरोपीयन नागरिक यहाँ बसने की लालसा लेकर आने लगे। बाद में ब्रिटिश-भारतीय सरकार ने नैनीताल को यूनाइटेड प्रोविन्सेज की गर्मियों की राजधानी घोषित कर दिया और इसी दौरान यहाँ तमाम योरोपीय शैली की इमारतों का निर्माण हुआ, गवर्नर हाऊस और सेन्ट जान चर्च इस निर्माण कला के अदभुत उदाहरण है।

यातायात और परिवहन

नैनीताल सड़क मार्ग द्वारा दक्षिण में स्थित काठगोदाम के रेल टर्मिनल से जुड़ा हुआ है। Pantnagar नैनीताल का निकटतम हवाई अड्डा है। नैनीताल हवाई अड्डे से 71 किमी दूर है। pantnagar से भी नैनीताल के लिए बसें उपलब्ध है। निकटतम रेलवे स्टेशन काठगोदाम में है। यह सिर्फ 35 किमी दूर है। बरेली, लखनऊ, दिल्ली और आगरा नैनीताल से रेल द्वारा जुड़े हुए है। बसें और टैक्सियाँ काठगोदाम से नैनीताल के लिए उपलब्ध हैं। नैनीताल और देहरादून, अल्मोड़ा, रानीखेत, बरेली, हरिद्वार, रामनगर, दिल्ली, लखनऊ, और अन्य राज्य में महत्वपूर्ण शहरों के बीच निजी और सार्वजनिक बस सेवाएं है।

शिक्षण संस्थान

नैनीताल में सेंट जोसेफ़ कॉलेज, ऑल सेंट्स कॉलेज, शेरवुड कॉलेज स्थित हैं।

पर्यटन

नैनीताल के पर्यटक स्थलों में स्नों व्यू प्वाइंट, जहाँ रोपवे से पहुंचा जा सकता है। झील के किनारे स्थित सबसे ऊंची नैनी चोटी, लैंड्स एंड, हनुमान गढ़ी, स्टेट ऑबज़रवेटरी और नैनीताल का लोकप्रिय विहार स्थल, माल शामिल हैं। आसपास के दर्शनीय स्थलों में सात ताल, भीम ताल और नौ किनारों वाला नौकुचिया ताल, संरक्षित वन किलबरी, खुरपा ताल, लोकप्रिय आरामगाह भोवाली, ढिकाला स्थित जिम कॉर्बेट संग्रहालय और मुक्तेश्वर, जो हिमालय का मनमोहक दृश्य पेश करता है। यहां झील के आसपास बने शानदार बंगलों और होटलों में रुकने का अपना ही मजा है। गर्मियों में यहाँ बड़ी संख्‍या में सैलानी आते हैं। यहाँ की झील, मंदिर, बाजार पर्यटकों को लुभाते हैं।

झील

जनपद के पहाड़ी भागों में कई छोटे-बड़े झील हैं- नैनीताल, भीमताल, नौकुचियाताल, गरुड़ताल, रामताल, सीताताल, लक्ष्मणताल, नलदमयंतीताल, सूखाताल, मलवाताल, खुर्पाताल, सड़ियाताल आदि।

नैनी झील

नैनी झील का नाम देवी नैनी के नाम पर पड़ा है। पर्यटकों के लिए यह सबसे ज्यादा खूबसूरत जगहा है। खासतौर से तब जब सूरज की किरणे पूरी झील को अपनी आगोश में ले लेती हैं। यह चारों तरफ से सात पहाड़ियों से घिरी हुई है। नैनीताल में नोकाये और पैडलिंग का भी आनंद उठाया जा सकता है। मुख्य शहर से तकरीबन ढाई किमी दूर बनी नैनी झील तक पहुंचने के लिए केबल कार का इस्तेमाल करना पड़ता है। यह सबसे ज्यादा देखे जाने वाले टूरिस्ट स्थलों में से एक है।

नैना देवी मन्दिर

शिवालिक पहाड़ियों पर मौजूद एक कटोरे नुमा झील के चारो तरफ़ बसा ये शहर जनश्रुतियों व पुराणों के मुताबिक शिव पत्नी सती की आँख यानी नैन के गिरने से बनी यह झील 64 शक्ति पीठों मे से एक माना जाता है। नैनी झील के उत्तर-पश्चिम किनारे पर नैना देवी का मन्दिर है।

गर्नी हाउस

गर्नी हाउस अंग्रेज शासक जिम कॉर्बेट का पूर्व निवास स्थल है। नैनीताल चारो तरफ से पहाड़ियों से घिरा हुआ है, ठीक उसी तरह गर्नी हाउस भी अयारपट्टा पहाड़ियों से घिरा है। गर्नी हाउस अब एक म्यूजियम बन चुका है और जिम कॉर्बेट की कई यादगार वस्तुएं यहाँ मौजूद हैं।

कृषि और उद्योग

52,000 हैक्टर भूमि कृषि के लिए प्रयोग की जाती हैं जिसमें से 45,000 हैक्टर भूमि सिंचाई के लिए प्रयोग की जाती है। सिंचाई के मुख्य श्रोत नहर तथा नलकूप हैं। 24203 हैक्टर भूमि नहरों द्वारा और 3366 हैक्टर भूमि नलकूपों द्वारा सिंचित होते हैं। नैनिताल की मुख्य फसले : गेहूं, मंडुआ, मक्का, जौ, झंगोरा, कौणी, भट्ट, तोर, धान, गन्ना, मटर, सोयाबीन है। फलों में सेव, नाशपाती, आडू, खुमानी आदि उगाए जाते हैं।

जनपद में पर्याप्त संख्या में झील होने के कारण मत्स्य विभाग ने भीमताल में फिश हैचरी की स्थापना की है। ठंढ़े जल में मछली पालन के बढ़ावा के लिए भीमताल में नेशनल सेंटर फॉर कोल्डवाटर फिशरीज की स्थापना भी की गई है।

जनसंख्या

नैनीताल की कुल जनसंख्या (2001 की गणन के अनुसार) 38,559 है। नैनीताल के कुल ज़िले की जनसंख्या 7,62,912 हैं, जिसमें पुरुष 400336 तथा महिला 362576 हैं।