प्रीति चौधरी/अभ्यास पन्ना
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विवरण | अजंता की गुफाएं बौद्ध धर्म द्वारा प्रेरित और उनकी करुणामय भावनाओं से भरी हुई शिल्पकला और चित्रकला से ओतप्रोत है जो मानवीय इतिहास में कला के उत्कृष्ट ज्ञान और अनमोल समय को दर्शाती हैं। बौद्ध तथा जैन सम्प्रदाय द्वारा बनाई गई ये गुफाएं सजावटी रूप से तराशी गई हैं। |
राज्य | महाराष्ट्र |
ज़िला | औरंगाबाद |
निर्माण काल | द्वितीय शताब्दी |
स्थापना | सातवाहन वंश द्वारा स्थापित हैं। |
भौगोलिक स्थिति | उत्तर- 20°33′09″, पूर्व- 75°42′02″ |
मार्ग स्थिति | मेजर राज्य राजमार्ग से 102 किमी की दूरी पर स्थित है। |
प्रसिद्धि | अजंता की प्रसिद्ध गुफाओं के चित्रों की चमक हज़ार से अधिक वर्ष बीतने के बाद भी आधुनिक समय से विद्वानों के लिए आश्चर्य का विषय है। |
कैसे पहुँचें | हवाई जहाज़, रेल, बस आदि से पहुँचा जा सकता है। |
जलगाँव हवाई अड्डा | |
जलगाँव रेलवे स्टेशन | |
औरंगाबाद सिटी बस, टैक्सी | |
क्या देखें | कार्ले चैत्यगृह, गुफा |
कहाँ ठहरें | होटल, धर्मशाला, अतिथि ग्रह |
एस.टी.डी. कोड | 2432 |
ए.टी.एम | लगभग सभी |
सावधानी | एलोरा की गुफ़ाएं, बीबी का मक़बरा |
गूगल मानचित्र | |
भाषा | मराठी, हिन्दी, अंग्रेज़ी और गुजराती |
मुख्य आकर्षण | अंजता की गुफ़ाओं का मुख्य आकर्षण भित्ति चित्रकारी है। इन चित्रों में बौद्ध धार्मिक आख्यानों और देवताओं का जितनी प्रचुरता और जीवंतता के साथ चित्रण किया गया है, वह भारतीय कला के क्षेत्र में अद्वितीय है। |
अन्य जानकारी | यूनेस्को द्वारा 1983 से विश्व विरासत स्थल घोषित किए जाने के बाद अजंता और एलोरा की तस्वीरें और शिल्पकला बौद्ध धार्मिक कला के उत्कृष्ट नमूने माने गए हैं और इनका भारत में कला के विकास पर गहरा प्रभाव है। |