टोपी शुक्ला -राही मासूम रज़ा
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1969 में ही राही मासूम रज़ा का तीसरा उपन्यास 'टोपी शुक्ला' प्रकाशित हुआ। इस राजनैतिक समस्या पर आधारित चरित प्रधान उपन्यास में भी उसी गांव के निवासी की जीवन गाथा है। राही इस उपन्यास में बतलाते हैं कि सन् 1947 में भारत-पाकिस्तान के विभाजन का ऐसा कुप्रभाव पड़ा कि अब हिन्दुओं और मुसलमानों का मिलकर रहना अत्यधिक कठिन हो गया।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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