प्रीति चौधरी/अभ्यास पन्ना
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विवरण | अगुआड़ा दुर्ग का नामकरण पुर्तग़ालियों ने एक मीठे पानी के झरने के नाम पर रखा था। | ||
राज्य | गोवा | ||
ज़िला | दक्षिणी गोवा | ||
स्थापना | 1612 ई. | ||
भौगोलिक स्थिति | पूर्व- 15° 29' 16.80", उत्तर- 73° 45' 46.80" | ||
मार्ग स्थिति | अगुआड़ा दुर्ग, पणजी राष्ट्रीय राज्य मार्ग संख्या 17 से 12.6 किमी की दूरी पर स्थित है। | ||
कैसे पहुँचें | जलयान, हवाई जहाज़, रेल, बस आदि | ||
डाबोलिम हवाई अड्डा | |||
थिविम रेलवे स्टेशन | |||
कंदोलिम बस अड्डा | |||
साइकिल-रिक्शा, ऑटो-रिक्शा, मीटर-टैक्सी, सिटी बस | |||
कहाँ ठहरें | होटल, धर्मशाला, अतिथि ग्रह | ||
एस.टी.डी. कोड | 0832 | ||
ए.टी.एम | लगभग सभी | ||
गूगल मानचित्र | |||
संबंधित लेख | संत फ़्रांसिस आसिसी गिरजाघर,से कैथेड्रल गिरजाघर, वरका तट, हरमल तट | भाषा | कोंकणी, अंग्रेजी, हिंदी, पुर्तगाली और मराठी |
अन्य जानकारी | अगुआड़ा में पुर्तग़ालियों द्वारा दुर्ग निर्माण का मुख्य उद्देश्य इसके माध्यम से गोवा की अपनी बस्ती की सुरक्षा करना था। |