त्रिकंटक

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त्रिकंटक

पौराणिक किंवदंती के अनुसार नासिक का नाम सतयुग में पद्यनगर, त्रेता में त्रिकंटक, द्वापर में जनस्थान और कलियुग में नासिक है।

त्रिकंटक का अर्थ त्रिशूल, गोखरू, तिधारा, थूहर, जवासा, टेंगरा नाम की मछली भी होता है।

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