जन्‍तर मन्‍तर जयपुर

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महाराजा सवाई जयसिंह ने सऩ 1718 में इस वैधशाला की आधार शिला रखी। इस ज्‍योतिष यंत्रालय में समय की जानकारी, सूर्योदय, सूर्योस्‍त एवं नक्षत्रों की जानकारी प्राप्‍त करने के उपकरण अवस्थित हैं। वैधशाला में स्‍थापित यंत्रों में वृहत सम्राट यंत्र, जय प्रकाश यंत्र, राम यंत्र, कपाली यंत्र, नाडी वलय यंत्र, घोटा यंत्र आदि मुख्‍य है।