उपदेश -शिवदीन राम जोशी

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उपदेश-शिवदीन राम जोशि

प्रेम नहीं घट में जिसके, फिर पूजन लाख विचार करे वो | नहीं चीन परी जो दया इक मानव, तो गुण कोटिन और भरे वो | श्री गुरु के शब्द सुने न सुने, फिर शास्त्र पुराण हृदय में धरे वो | शिवदीन मिले कछु ज्ञान तभी, गुरु गोविन्द के शरण परे वो |


तात व मात की सेवा करें, उपकार करे वो बतावनो ना | शिवदीन हरी गुण गान करें, कभी दिन दुखी को सतावनो ना | सन्मार्ग सुसंगत सार गाहे, व समुद्र में कूद के न्हावनो ना | सुख देख के फूल न फूलो अरे ! दु:ख देख घनो घबरावनो ना | बोल्ड पाठ

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