जिनका पानी उतर गया -शिवदीन राम जोशी
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जिनका पानी उतर गया-शिवदीन राम जोशीबोल्ड पाठ
जिनका पानी उतर गया उनका घट गया मोल, बिन पानी का मानवा, पशुवत ही रहे डोल | पशुवत ही रहे डोल, कौन पूछे फिर भैया, बने न फिर वह बात, कमले लाख रुपैया | यातें पानी राखिये कहे सत्य शिवदीन, सच्चे का दोउ लोक में सब ही करें यकीन |
राम गुण गायरे ||
शीर्षक उदाहरण 2
शीर्षक उदाहरण 3
शीर्षक उदाहरण 4
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टीका टिप्पणी और संदर्भ