जगदीश शरण वर्मा

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जे.एस. वर्मा भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश रहे हैं। वर्तमान समय[1] में ये 'जिंदल पुरस्कार' के निर्णायक-मंडल में अध्यक्ष के पद पर नियुक्त हैं।

  • न्यायमूर्ति जे.एस. वर्मा 1997-1998 के दौरान भारत के मुख्य न्यायाधीश के पद पर तैनात थे।
  • 1993 से 2003 तक 'राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग' के अध्यक्ष के रूप में भी इन्होंने कार्य किया है।
  • जे.एस. वर्मा अपनी सृजनशीलता, मानवता और एक न्यायविद के रूप में न्याय और मानव अधिकारों के ध्येय के प्रति अपनी निष्ठा और वचनबद्धता के लिए सुविदित हैं।
  • उनकी पुस्तक 'न्यू डाइमेन्शंस ऑफ़ जस्टिस' तथा 'द न्यू यूनिवर्स ऑफ़ ह्यूमन राइट्स' ने व्यक्ति को 'जस्टिस डिलीवरी सिस्टम'[2] को बेहतर ढंग से समझने और समाज में मानव अधिकारों के महत्त्व को सराहने में सक्षम बनाया है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. जिंदल पुरस्कार, निर्णायक मंडल (हिन्दी) (एच.टी.एम.एल.)। । अभिगमन तिथि: 15 मार्च, 2012।
  2. न्याय-प्रणाली

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