रहता यहाँ कोई नहीं -शिवदीन राम जोशी

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==रहता यहाँ कोई नहीं-शिवदीन राम जोशी==बोल्ड पाठ रहता यहाँ कोई नहीं जग है एक सराय, दुर्जन सज्जन सब चले काल खाय मुंह बाय | काल खाय मुंह बाय देखते सब ही रहते, कथा एक से एक जाय मरघट पर कहते | किसी-किसी को ज्ञान हो क्षण भर रहे उदास, शिवदीन राम गुन, गुन सरस, गा चल बारहों मास |

                              राम गुन गायरे ||


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