वोट -शिवदीन राम जोशी
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
इस लेख का पुनरीक्षण एवं सम्पादन होना आवश्यक है। आप इसमें सहायता कर सकते हैं। "सुझाव" |
आपको नया पन्ना बनाने के लिए यह आधार दिया गया है
शीर्षक उदाहरण 1
शीर्षक उदाहरण 2
शीर्षक उदाहरण 3
शीर्षक उदाहरण 4
वोट-वोट में खोट है खोट-खोट में वोट, दो नम्बर का काम है छप रहे अगनित नोट । छप रहे अगनित नोट सोट हाथों में लेकर, आते है कई लोग वोट बातों में देकर । राजनीति की चाल है चाल-चाल में चाल, शिवदीन देख क्या हो रहा भारत का बेहाल ।
राम गुन गायरे ।।
कहीं वोट घबराय दें कहीं-कहीं नंगा नांच, कहीं वार्ड से एक दो कहीं खडे हैं पांच । कहीं खडे हैं पांच सांच शरमागई भाई, कहीं डालते वोट झगड कर लोग लुगाई । बाप अलग बेटा अलग अलग भ्रात की रीत, शिवदीन अचंभा देख रे कौन किसी का मीत ।
राम गुन गायरे ।।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
संबंधित लेख