राधा-सखिया वार्ता -शिवदीन राम जोशी
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राधा - सखिया वार्ता - शिवदीन राम जोशी
शीर्षक उदाहरण 2
शीर्षक उदाहरण 3
शीर्षक उदाहरण 4
राधिका से मिलने जो गई,
सखियाँ हंसि के उर रूप निहारो |
ब्रज बालाएं बात करी सो करी,
सुनी राधिका और विचार विचारो |
ब्रज राज बसे मथुरा सुनरी,
तेरे पास नहीं वह प्रीतम प्यारो |
प्यारी कहुं कछु खारी न मानिये,
यो दृग अंजन कौन पे सारो ?
पिव पास नहीं मथुरा बसि हैं,
वह रूप स्वरूप हृदय हम धारो |
तन है बृज में मन है पिय में,
श्रीकृष्ण बिना सखी कौन हमारो |
चैन कहाँ ? बैचेन रहूँ ,
इन नैनन को गुण नेक विचारो |
सुन भैन ये नैन कह्यो नहीं मानत,
याते कियो इनको मुख कारो |
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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