हे दयालु ले शरण में -शिवदीन राम जोशी
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शीर्षक उदाहरण 1
हे दयालु ले शरण मेँ=शिवदीन राम जोशी
शीर्षक उदाहरण 3
शीर्षक उदाहरण 4
हे दयालू ! ले शरण में, मोहे क्यो बिसारयो । जुठे बेर सबरी के, पाय काज सारयो ।। हे दयालू ... द्रोपदी की रखि लाज, कोरव दल गयो भाज। पांडवों की कर सहाय, अरजुन को उबारयो ।।हे... रक्षक हो भक्तन का, किया संग संतन का । तारन हेतु मुझको, तुम संत रूप धारयो ।। हे... नरसी का भरा भात, विप्रन के श्रीकृष्ण नाथ । दुष्टन को गर्व गार, रावण को मारयो ।।हे दयालू .. शिवदीन हाथ जोडे, दुनियां से मुख: मोडे । ध्रुव को ध्रुव लोक अमर, भक्त जानि तारयो ।। हे...
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टीका टिप्पणी और संदर्भ