वार्ता:भारतकोश सम्पादकीय 10 जून 2012
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क्षमा कीजियेगा | सझाव कहीं न्यूनता परिलक्षित हो तो ही दिए जाते है , मैं तो आपकी ही लेखनी को पुष्ट कर रहा हूँ | "लक्ष्य" की महत्ता वैदिक ग्रंथो में भी है - प्रणवो धनु: शरोह्यात्मा ब्रह्मतल्लक्ष्य मुच्यते | (मुण्डकोपनिषद) Kailash Pareek 16:54, 11 जून 2012 (IST)