तन धन जोबन -शिवदीन राम जोशी
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
इस लेख का पुनरीक्षण एवं सम्पादन होना आवश्यक है। आप इसमें सहायता कर सकते हैं। "सुझाव" |
आपको नया पन्ना बनाने के लिए यह आधार दिया गया है
शीर्षक उदाहरण 1
तन धन जोबन / शिवदीन राम जोशी
शीर्षक उदाहरण 3
शीर्षक उदाहरण 4
तन धन जोबन थिर नहीं, मुरख करे गुमान, ए मन नर तन पायके, कर सबका सनमान | कर सबका सनमान, पावणा है दो दिन का, राम नाम उर धार, मिला है सुन्दर मौका | सबसे बोलो प्रिय वचन, सत्य बात परतीत, शिवदीन हार के ना चलो, चलो तो बाज़ी जीत |
राम गुण गायरे ||
तन धन जोबन पर बड़ा, कीना जिन विस्वास, ये सब धोखा दे चले, रहे ना कोई पास | रहे ना कोई पास,धाम धन दो-दो दिन के, तन जोबन ढलि गये, संगमें रह कर जिनके | फिर इन पर विस्वास क्या,राम भजो शिवदीन, सत संगत करि के चलो, चातुर चातुर प्रवीन |
राम गुण गायरे ||
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ