कुलिंगा नदी
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कुलिंगा नदी का उल्लेख वाल्मीकि रामायण, अयोध्याकाण्ड में हुआ है-
‘वेगिनीं च कुलिंगाख्यां ह्लादिनीं पर्वतावृताम्, यमुनां प्राप्य संतीर्ण: बलमाश्वासयत्तदा’[1]
- प्रसंगानुसार कुलिंगा नदी की स्थिति यमुना नदी से पश्चिम की ओर जान पड़ती है।
- संभवत: इस नदी का संबधं लगभग उसी प्रदेश में बसे हुए कुलिंग नामक स्थान से रहा हो।[2]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ वाल्मीकि रामायण, अयोध्याकाण्ड 71, 6.
- ↑ ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |पृष्ठ संख्या: 209 |