एक्सप्रेस वे
एक्सप्रेस वे यातायात करने के लिए एक सड़क मार्ग हैं। वर्तमान में भारत संकरी सड़कों से एक्सप्रेस वे पर आ गया है। यात्रा का समय कम करने और वाहनों को द्रुतगति से दौड़ाने के लिए इन एक्सप्रेस वे को बनाया गया है। पहले एकल रोड पर भी वाहन आसानी से आ जा सकते थे। बाद में इन सड़कों पर ट्रैफिक का दबाव बढ़ने लगा, उन्हीं समस्याओं का समाधान एक्सप्रेस वे के रूप में निकाला गया, लेकिन आज इसकी ज़रूरत ने एक्सप्रेस वे योजना को ही महत्त्वपूर्ण बना दिया। मुख्य शहरों के एयरपोर्ट, व्यावसायिक केंद्रों से जोड़कर एक्सप्रेस वे ने कम समय में शहरों को जोड़ दिया है।
भारत में पहला एक्सप्रेस वे
भारत की आर्थिक राजधानी और शैक्षिक केन्द्र पूना के बीच पहला एक्सप्रेस वे का निर्माण किया गया। यह एक्सप्रेस वे छ: लेन का बनाया गया है। 93 किमी (58 मील) लंबाई वाला यह राजमार्ग अन्य सड़कों से अलग है। इस एक्सप्रेस पर मुंबई और पुणे के बीच में वाहन चालन का आनंद महसूस कर सकते हैं। पुराने समय में सफर करने के मुकाबले एक्सप्रेस वे से 2-3 घंटे में गंतव्य तक पहुँच जाते हैं। जबकि एनएच 4 (राष्ट्रीय राजमार्ग 4) से जाने पर 4-5 घंटे का समय लग जाता है। इस तरह व्यावसायिक रूप से दो महत्त्वपूर्ण शहरों के बीच यात्रा के समय में काफ़ी बचत हो गई। यह वन वे तो है ही, इसकी सुरंगों को भी अलग-अलग बनाया गया है। सड़क के दोनों ओर बाड़ लगाई है ताकि जानवर आदि वाहनों की गति में कोई बाधा पैदा न करें। इस पर दो पहिया वाहन, तिपहिया और ट्रैक्टर की अनुमति नहीं है। जगह-जगह पेट्रोल पंप, ढाबे, कार्यशालाओं, शौचालय, आपातकालीन फ़ोन, प्राथमिक चिकित्सा, सी.सी.टीवी आदि की व्यवस्था से सुसज्जित किया गया है। साथ ही 80,000 पेड़ भी लगाये गए हैं।
राष्ट्रीय एक्सप्रेस 1
अहमदाबाद-वड़ोदरा एक्सप्रेस वे के बनने से लोगों का यातायात संकट कम हो गया है, इसकी दूरी 95 किलोमीटर है। अहमदाबाद-वड़ोदरा एक्सप्रेस वे भी राष्ट्रीय एक्सप्रेस 1 (भारत) के रूप में जाना जाता है। यह मूल रूप से 1970 के दशक के दौरान बनाया गया था, लेकिन भूमि के उपयोग और राजनीतिक मुद्दों के कारण दशकों के लिए इसका कार्य देरी से किया गया था। इन मुद्दों को 1990 के दशक में सुलझाया गया और एक्सप्रेस वे 2004 में खोला गया। यह एक्सप्रेस वे कम से कम 1 घंटे में दो शहरों के बीच यात्रा में कटौती कर देता है।
यमुना एक्सप्रेस वे
यह 6 लेन, 165 किलोमीटर (103 मील) लंबा दोनों ओर से नियंत्रित सीधा सपाट एक्सप्रेस वे है, आगरा से ग्रेटर नोएडा को जोड़ने वाला यह एक्सप्रेस वे भारत की सबसे लंबी छ: लेन सड़क है। यहाँ भी अत्याधुनिक सुविधाओं में सारी व्यवस्था की गई है। साथ ही दुर्घटना होने पर हैलीकॉप्टर की भी व्यवस्था है। जगह-जगह सीसीटीवी, मोर्टल, पैट्रोल पंप भी मौजूद हैं।
दिल्ली-गुड़गाँव एक्सप्रेस वे
यह आठ लेन एक्सप्रेस वे जनवरी 2008 में खोला गया और स्वर्णिम चतुर्भुज राजमार्ग परियोजना का हिस्सा है। गुड़गाँव और दिल्ली के बीच की 28 किलोमीटर की दूरी को लगभग 20 मिनट में पूरा कर देता है। इस एक्सप्रेस वे के कुछ विशेष सुविधाओं एसओएस टेलीफोन हर 1.5 किमी., सीसीटीवी और एक 32-लेन दिल्ली-हरियाणा सीमा पर टोल प्लाजा है। एक्सप्रेस वे पालम में हवाई अड्डे के घरेलू टर्मिनल के पास से शुरू होता है और अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से बाहर निकलकर गुड़गाँव पर समाप्त हो जाता है, जहाँ यह टोल प्लाजा के बाद छ: लेन एनएच-8 से मिलती है।
नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस वे
नोएडा, ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस वे नोएडा, दिल्ली के एक आवासीय और औद्योगिक ग्रेटर नोएडा को जोड़ता है। एक्सप्रेस की कुल लंबाई 24.53 किलोमीटर (15.24 मील) है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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