बिंबिका नदी
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बिंबिका नदी भारत की पौराणिक नदी थी, जिसका उल्लेख भरहुत (बुंदेलखंड, मध्य प्रदेश) से प्राप्त कुछ अभिलेखों में हुआ है। यह बुंदेलखंड की ही कोई नदी जान पड़ती है।[1]
- महाकवि कालिदास द्वारा रचित 'मालविकाग्निमित्र' नाटक में इसका उल्लेख इस प्रकार है-
'दक्षिण्यं नाम बिंबोष्ठिबैंबिकानां कुलव्रतम्।'[2]
- उपर्युक्त वाक्य में विदिशा का शासक और पुष्यमित्र शुंग का पुत्र अग्निमित्र स्वयं को बैंबकवंशीय बताता है। संभव है कि इसके पूर्वजों का बिंबिका नदी के तटवर्ती प्रदेश से कोई संबंध रहा हो।[3]
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