शरभंगाश्रम

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शरभंगाश्रम ज़िला बांदा (उत्तर प्रदेश) में इलाहबाद मानिकपुर रेलमार्ग के जैतवारा स्टेशन से लगभग 15 मील दूर वनप्रांत के नाम से प्रसिद्ध स्थान है।

  • इसे शरभंगार कहा जाता है।
  • यहाँ श्रीराम का एक मन्दिर स्थित है।
  • शरभंगाश्रम का उल्लेख बाल्मीकि तथा कालिदास के अतिरिक्त तुलसीदास ने भी किया है-

‘पुनि आये जहं मुनि सरभंगा,
सुन्दर अनुज जानकी संगा’।

  • यह स्थान विरधन्वन के निकट ही स्थित था।
  • अभ्यात्म॰ आरण्य॰[1] में इसका वर्णन इस प्रकार है-

‘विराधें स्वगंते रामो लक्ष्मणेन च सीतया,
जगाम शरभंगस्य वनं सर्वसुखाबहम्’।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. अभ्यात्म॰ आरण्य॰ 2,1

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