शीला दीक्षित

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शीला दीक्षित
पूरा नाम शीला दीक्षित
जन्म 31 मार्च, 1938
जन्म भूमि कपूरथला, पंजाब
पति/पत्नी स्व. विनोद दीक्षित
संतान एक पुत्र व एक पुत्री
नागरिकता भारतीय
पार्टी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
पद दिल्ली की मुख्यमंत्री
कार्य काल 3 दिसम्बर 1998 से अबतक
शिक्षा स्नातकोत्तर
विद्यालय कान्वेंट ऑफ़ जीसस एंड मैरी स्कूल, मिरांडा हाउस कॉलेज
जेल यात्रा अगस्त 1990 में 23 दिनों की जेल यात्रा
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शीला दीक्षित (अंग्रेज़ी: Sheila Dikshit, जन्म: 31 मार्च, 1938) भारत की राजधानी दिल्ली की वर्तमान मुख्यमंत्री हैं। इनको 17 दिसंबर, 2008 में लगातार तीसरी बार दिल्ली विधान सभा के लिये चुना गया था। यह दिल्ली की दूसरी महिला मुख्यमंत्री हैं। इनका चुनाव-क्षेत्र नयी दिल्ली हैं। इनसे पहले सुषमा स्वराज भी दिल्ली की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं।

जीवन परिचय

शीला दीक्षित का जन्म 31 मार्च, 1938 को पंजाब के कपूरथला नगर में हुआ था। इनके पति का नाम विनोद दीक्षित है। इन्होंने अपनी शिक्षा दिल्ली के कान्वेंट ऑफ़ जीसस एंड मैरी स्कूल से ली। बाद में स्नातक और कला स्नातकोत्तर की शिक्षा मिरांडा हाउस कॉलेज से ली। इनका विवाह प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी तथा पूर्व राज्यपाल व केन्द्रीय मंत्रिमंडल में मंत्री रहे, श्री उमा शंकर दीक्षित के परिवार में हुआ। इनके पति स्व. श्री विनोद दीक्षित, जो भारतीय प्रशासनिक सेवा के सदस्य रहे थे। इनकी दो संतान, एक पुत्र व एक पुत्री हैं।

राजनीतिक परिचय

इन्हें राजनीति में प्रशासन व संसदीय कार्यों का अच्छा अनुभव है। इन्होंने केन्द्रीय सरकार में 1986 से 1989 तक मंत्री पद भी ग्रहण किया था। पहले ये, संसदीय कार्यों की राज्य मंत्री रहीं, तथा बाद में, प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री रहीं। 1984 - 89 में इन्होंने उत्तर प्रदेश की कन्नौज लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया था। संसद सदस्य के कार्यकाल में, इन्होंने लोक सभा की एस्टीमेट्स समिति के साथ कार्य किया। इन्होंने भारतीय स्वतंत्रता की चालीसवीं वर्षगांठ की कार्यान्वयन समिति की अध्यक्षता भी की थी। दिल्ली प्रदेश कांग्रेस समिति की अध्यक्ष के पद पर 1998 में कांग्रेस को दिल्ली में अभूतपूर्व विजय दिलायी।

धारित विभाग

  • सामान्य प्रशासन विभाग
  • गृह विभाग
  • विधि, न्याय एवं संसदीय कार्य
  • जन संबंध
  • सेवा विभाग
  • सतर्कता विभाग
  • जल
  • उच्च शिक्षा
  • प्रशिक्षण एवं तकनीकी शिक्षा
  • कला एवं संस्कृति
  • पर्यावरण, वन एवं वन्य जीवन विभाग
  • सभी अन्य विभाग, जो किसी अन्य को निर्धारित नहीं हैं।

व्यक्तित्व

कई वर्षों के अनुभव के बाद शीला दीक्षित राजनीति के दांव-पेंच बहुत अच्छी तरह समझ चुकी हैं। एक बेहद कुशल राजनेत्री होने के साथ ही शीला दीक्षित कला प्रेमी भी हैं। व्यक्तिगत जीवन में आत्म-निर्भर और आत्मविश्वासी महिला हैं। लगातार तीन बार मुख्यमंत्री पद पर जीत दर्ज करना स्वयं अपने आप में एक रिकॉर्ड है, जिससे यह साफ प्रमाणित होता है कि शीला दीक्षित के व्यक्तित्व में बेजोड़ नेतृत्व क्षमता है।

योगदान

शीला दीक्षित ने महिला उत्थान के लिए कड़े प्रयास किए हैं साथ ही महिलाओं को समाज में बराबरी का स्थान दिलवाने के लिए चलाए विभिन्न अभियानों का भी इन्होंने कुशल नेतृत्व किया है। इन्होंने संयुक्त राष्ट्र संघ की महिला स्तर समिति में भारत का प्रतिनिधित्व भी पांच वर्षों (1984 - 89) तक किया। इन्होंने उत्तर प्रदेश में अपने 82 साथियों के साथ अगस्त 1990 में 23 दिनों की जेल यात्रा की थी, जब वे महिलाओं पर समाज के अत्याचारों के विरोध में उठ खडी हुईं, इससे भड़के हुए लाखों राज्य के नागरिक इस अभियान से जुड़े, व जेलें भरीं। 1970 में वे यंग विमन्स एसोसियेशन की अध्यक्ष भी रहीं, जिसके दौरान, इन्होंने दिल्ली में दो बड़े महिला छात्रावास खुलवाये। उत्तर प्रदेश में महिलाओं के प्रति बढ़ रही आपराधिक गतिविधियों के विरोध में शीला दीक्षित ने प्रभावकारी प्रदर्शन भी किए थे, जिसकी वजह से उन्हें अगस्त 1990 में 23 दिनों की जेल यात्रा भी करनी पड़ी। इस यात्रा में उनके साथ उनके 82 सहयोगी भी थे। उनके इस कदम का व्यापक प्रभाव पड़ा। परिणामस्वरूप उनकी गिरफ्तारी से भड़के हुए लाखों नागरिक इस अभियान से जुड़े व जेलें भरीं। वर्ष 1970 में शीला दीक्षित 'यंग विमन्स एसोसिएशन' की अध्यक्ष भी रहीं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना चुका इंदिरा गाँधी स्मारक ट्रस्ट की सचिव भी शीला दीक्षित ही हैं। यह ट्रस्ट शांति, निशस्त्रीकरण एवं विकास के लिये इंदिरा गाँधी पुरस्कार देता है व विश्वव्यापी विषयों पर सम्मेलन आयोजित करता है। इतना ही नहीं शीला दीक्षित के संरक्षण में ही इस ट्रस्ट ने एक पर्यावरण केन्द्र भी खोला है। इसके अलावा शीला दीक्षित, हस्तकला व ग्रामीण कलाकारों व कारीगरों के उत्थान में विशेष रुचि लेती हैं। ग्रामीण रंगशाला व नाट्यशालाओं का विकास, इनका विशेष कार्य रहा है. 1978 से 1984 के बीच गार्मेंट्स एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के कार्यपालक सचिव पद पर इन्होंने तैयार कपड़ा निर्यात को एक ऊंचे स्तर पर पहुंचाया।[1]


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शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. मुख्यमंत्री शीला दीक्षित (हिंदी) जागरण जंक्शन।

बाहरी कड़ियाँ

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