राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग

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राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग की स्थापना भारत की संसद के द्वारा 1992 के 'राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग अधिनियम' के नियमन के साथ हुई थी। इस आयोग का गठन पाँच धार्मिक अल्पसंख्यकों मुस्लिम, सिक्ख, ईसाई, बौद्ध एवं पारसी समुदाय के हितों की रक्षा के लिए किया गया है। आयोग में एक अध्यक्ष, एक उपाध्यक्ष और पाँच सदस्य होते हैं, जो अल्पसंख्यक समुदाय का प्रतिनिधित्व करते हैं। आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, छत्तीसगढ़, दिल्ली, झारखंड, कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, मणिपुर, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश तथा पश्चिम बंगाल में भी राज्य अल्पसंख्यक आयोगों का गठन किया गया है। इन आयोगों के कार्यालय राज्यों की राजधानियों में स्थित हैं।


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