भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक

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भारत के नियंत्रक एव महालेखा परीक्षक ('कंट्रोलर एण्ड ऑडिटर जनरल' अर्थात 'नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक') को आम तौर पर 'कैग' के नाम से जाना जाता है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 148 में 'कैग' का प्रावधान है, जो केंद्र व राज्य सरकारों के विभागों और उनके द्वारा नियंत्रित संस्थानों के आय-व्यय की जाँच करता है। यही संस्था सार्वजनिक धन की बरबादी के मामलों को समय-समय पर प्रकाश में लाती है। सन 1948 में पहले नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) वी. नरहरि राव बने थे।[1]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. भारत की प्रमुख स्वतंत्र संस्थाएँ (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 14 दिसम्बर, 2012।

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