जोधपुर
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जोधपुर भारत के राजपूत राजाओं का एक प्रमुख गढ़ रहा है। इसकी स्थापना 1459 में राव जोधा ने किया था। जोधपुर मारवाड़ों का मुख्य वित्तिय राजधानी था, जहाँ राठौड़ वंश ने शासन किया था। जोधपुर थार मरुस्थल के दाहिने छोर पर स्थित है।
पर्यटन
भारत में राजस्थान को मरुस्थलों का राजा कहा जाता है। यहाँ अनेक ऐसे स्थान हैं जो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। इन्हीं में से एक है-जोधपुर। 15वीं शदी में निर्मित क़िला और महलें यहाँ आने वाले पर्यटकों के लिए आकर्षण का प्रमुख केंद्र रहा है। पहाड़ी के शिखर और शहर के अंतिम छोर पर अवस्थित मेहरानगढ़ का क़िला मध्यकालीन राजशाही का मानो प्रतिबिंब है।
मेहरानगढ़ का क़िला
- जोधपुर मेहरानगढ़ का क़िला पहाड़ी के बिल्कुल ऊपर बसे होने के कारण राजस्थान के सबसे खूबसूरत क़िलों में से एक है।
- इस क़िले के सौंदर्य को श्रृंखलाबद्ध रूप से बने द्वार और भी बढ़ाते हैं।
- क़िले के अंदर में भी पर्यटकों को देखने हेतु कई महत्वपूर्ण इमारतें हैं:- जैसे मोती महल, सुख महल, फूलमहल आदि-आदि।
जसवंत थाड़ा
- जोधपुर में यह जसवंत थाड़ा है।
- यह पूरी तरह से मार्बल निर्मित है।
- इसका निर्माण 1899 में राजा जसवंत सिंह द्वितीय और उनके सैनिकों की याद में किया गया था।
- इसकी कलाकृति आज भी पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है।
उम्मैद महल
- जोधपुर के इस महल का निर्माण महाराजा उम्मैद सिंह ने सन 1943 में किया था।
- मार्बल और बालू का पत्थर से बने इस महल का दृश्य पर्यटकों को खासतौर पर लुभाता है।
- इस महल के संग्रहालय में पुरातन युग की घडियाँ और पेंटिंग्स भी संरक्षित हैं।
खानपान
यहाँ खासतौर पर दूध निर्मित खाद्य पदार्थों का ज्यादा प्रयोग होता है। जैसे मावा का लड्डू, क्रीम युक्त लस्सी, मावा कचौड़ी, और दूध फिरनी आदि।
उत्सव
- जोधपुर में कुछ प्रमुख उत्सव है जो बड़े ही धूम-धाम से मनाया जाता है।
- मारवाड़ उत्सव, नागौर का प्रसिद्ध पशु मेला, कागा में शीतलामाता का उत्सव और पीपर का गंगुआर मेला।