दानवाक्यावलि (विद्यापति)

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दानवाक्यावलि एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- दानवाक्यावलि

दानवाक्यावलि महाकवि विद्यापति द्वारा रचिक एक धर्म ग्रंथ हैं।

  • दानवाक्यावलि ग्रन्थ मिथिला के राजा नरसिंहदेव दर्पनारायण की रानी महादेवी धीरमति के संरक्षण में प्रणीत है।[1]
  • इसमें सभी प्रकार के दानों का विधि-विधान विस्तार से दिया गया है और दान के उपयुक्त देश, काल, पात्र का भी विशद विवेचन है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. पाण्डु. तिथि सं. 1539 (1483 ई.

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