गोविंदा होली
गुजरात में गोविंदा होली मनाई जाती है। इसे गुजरात में 'होली राजा' भी कहा जाता है। गोविंदा होली के मौके पर गुजरात में मस्त युवकों की टोलियाँ सड़कों पर नाचते-गाते चलती हैं। गलियों में ऊँचाई पर दही की मटकियाँ लगाई जाती हैं और युवकों को यहाँ तक पहुँचने के लिए प्रेरित किया जाता है। इन मटकियों में दही के साथ ही पुरस्कार भी लटकते हैं। यह भगवान कृष्ण के गोपियों की मटकी फोड़ने से प्रेरित है। ऐसे में कौन युवक कन्हैया नहीं बनना चाहेगा और कौन होगी जो राधा नहीं बनना चाहेगी। सो, राधारानी मटकी नहीं फूटे इसलिए इन टोलियों पर रंगों की बौझार करती रहती हैं। जो कोई इस मटकी को फोड़ देता है, वह होली राजा बन जाता है। होली के पहले दिन जलने वाली होलिका की राख गौरी देवी को समर्पित करते हैं।
इन्हें भी देखें: मथुरा होली चित्र वीथिका, बरसाना होली चित्र वीथिका एवं बलदेव होली चित्र वीथिका
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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