पावागढ़ शक्तिपीठ

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
रविन्द्र प्रसाद (वार्ता | योगदान) द्वारा परिवर्तित 13:19, 10 मई 2013 का अवतरण (''''पावागढ़ शक्तिपीठ''' गुजरात में एक ऊँची पहाड़ी पर स...' के साथ नया पन्ना बनाया)
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें

पावागढ़ शक्तिपीठ गुजरात में एक ऊँची पहाड़ी पर स्थित है। इस शक्तिपीठ में स्थित काली माँ को 'महाकाली' कहा जाता है। यह शक्तिपीठ वड़ोदरा शहर से लगभग 50 किलोमीटर की दूरी पर गुजरात की प्राचीन राजधानी चम्पारण्य में एक ऊँची पहाड़ी पर है। माना जाता है कि यहाँ पर सती का वक्षस्थल गिरा था। पौराणिक धर्म ग्रंथों और हिन्दू मान्यताओं के अनुसार जहाँ-जहाँ माता सती के अंग के टुकड़े, धारण किए हुए वस्त्र तथा आभूषण गिरे, वहाँ-वहाँ शक्तिपीठ अस्तित्व में आये। ये अत्यंत पावन तीर्थ स्थान कहलाये। ये तीर्थ पूरे भारतीय उपमहाद्वीप पर फैले हुए हैं। देवीपुराण में 51 शक्तिपीठों का वर्णन है।

विश्वामित्र से सम्बन्ध

काली माता का यह प्रसिद्ध मंदिर माँ के शक्तिपीठों में से एक है। माना जाता है कि यहाँ माता का जागृत दरबार लगता है और उनकी कई सेविकाएँ उनके लिए कार्य करती हैं। यहीं लोगों को दंड या दान मिलता है। इस पहाड़ी को गुरु विश्वामित्र से भी जोड़ा जाता है। कहा जाता है कि विश्वामित्र ने यहाँ काली माँ की तपस्या की थी। यह मंदिर गुजरात की प्राचीन राजधानी चम्पारण्य के पास स्थित है, जो वड़ोदरा शहर से लगभग 50 किलोमीटर दूर है। पावागढ़ मंदिर ऊँची पहाड़ी की चोटी पर स्थित है। रोप-वे से उतरने के बाद भक्तों को लगभग 250 सीढ़ियाँ चढ़नी होती हैं, तब जाकर वे मंदिर के मुख्य द्वार तक पहुँचते हैं। इसके अतिरिक्त कालिका के प्राचीन मंदिर, गोवा के दक्षिण गोवा में महामाया, कर्नाटक के बेलगाम में, पंजाब के चंडीगढ़ में और कश्मीर में स्थित हैं।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख