भगवान महावीर एवं जैन दर्शन (पुस्तक)

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प्रोफ़ेसर महावीर सरन जैन ने अपने " भगवान महावीर एवं जैन दर्शन " शीर्षक ग्रंथ में भगवान महावीर की धार्मिक क्रांति को विस्तार के साथ विवेचित किया है. भगवान महावीर जैन धर्म के प्रवर्तक नहीं हैं। वे प्रवर्तमान काल के चौबीसवें तीर्थंकर हैं। आपने आत्मजय की साधना को अपने ही पुरुषार्थ एवं चारित्र्य से सिद्ध करने की विचारणा को लोकोन्मुख बनाकर, भारतीय साधना परम्परा में कीर्तिमान स्थापित किया। अपने युग के संशयग्रस्त मानव-समाज को धर्म-आचरण की नवीन दिशा एवं ज्योति प्रदान की। आपने धर्म के क्षेत्र में मंगल क्रान्ति सम्पन्न की। आपने उद्‍घोष किया कि आँख मूँदकर किसी का अनुकरण या अनुसरण मत करो। आपको नया पन्ना बनाने के लिए यह आधार दिया गया है

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